वाजिब ग़ुस्ल 359

سایٹ دفتر حضرت آیة اللہ العظمی ناصر مکارم شیرازی

صفحه کاربران ویژه - خروج
ذخیره کریں
 
तौज़ीहुल मसाएल
360-369(1) जनाबत के ग़ुस्ल के अहकामजबीरा वज़ू के अहकाम345-358
मसअला 359. सात ग़ुस्ल वाजिब हैः
1. जनाबत का ग़ुस्ल।
2. हैज़ का ग़ुस्ल।
3. निफ़ास का ग़ुस्ल।
4. इस्तेहाज़ा का ग़ुस्ल।
5. मुर्दे को छूने का ग़ुस्ल।
6. मुर्दे का ग़ुस्ल।
7. वह मुसतहिब्बी ग़ुस्ल जे नज़्र, प्रतिज्ञा और क़सम के कारण वाजिब हो जाते है।
360-369(1) जनाबत के ग़ुस्ल के अहकामजबीरा वज़ू के अहकाम345-358
12
13
14
15
16
17
18
19
20
Lotus
Mitra
Nazanin
Titr
Tahoma